Wednesday 6 November 2013

सचिन का सच


सचिन तेंदुलकर , क्रिकेट का बेताज बादशाह है/ नो डाउट / सचिन तेंदुलकर बाज़ार का एक जबर्दस्त बिकाऊ आइटम है/ नो डाउट/ अब हालात ऐसे हैं कि इस बादशाह के सहारे जितनी अधिक  कमाई की जा सकती है , करने पर तुले हैं लोग/ न केवल बी सी सी आई बल्कि छोटे -बड़े हर तरह के व्यापारी/ सट्टेबाज/ यहाँ तक की पान बीड़ी दुकान  वाले भी / माहौल कुछ ऐसा बना दिया गया है कि ये माल अब बाज़ार से मानो उठने वाला है इसलिए जितना निचोड़ा जा सके निचोड़ लिया जाए/ खुद सचिन बेचारे बने हुए हैं/ अपनी ख्याति के आलोक में उन्हें यह भी नहीं दिखाई दे रहा कि उनको एक वस्तु के तौर  पर लाकर खड़ा कर दिया गया है/ वैसे वे जानते भी होंगे किन्तु यह भी एक तरह का नशा है / बाज़ार में बिकने का नशा/ सचिन खुद बिक रहे हैं/ यह बिक्री भी अनोखी है/ पूरे देश में सचिन को एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में सिद्ध कर दिया गया है जैसे इस देश में सचिन के अलावा दूसरा कोइ खिलाड़ी ही नहीं जिसने देश का नाम रोशन किया हो / क्रिकेट की यही तो महिमा है /  क्रिकेट है क्या ? खेल? नहीं/ खेल जैसे किसी जुए को भी कहते हैं यह भी ठीक वैसा ही है/ मेरी इस बात से क्रिकेट प्रेमियों को धक्का लग सकता है / धक्का उन्हें भी पहुंचेगा जो क्रिकेट के वाहक हैं/ सचिन इस जुए के  एक कीमती प्यादे भर हैं / यह अलग बात है कि उनकी कलात्मकता ने क्रिकेट की परिभाषा रची है/ पर इस रचने के कारण ने ही उन्हें अप्रत्यक्ष तौर  पर वस्तु बना दिया है/ उनके नाम पर अरबों का व्यापार हो रहा है/ सचिन को क्रिकेट का भगवान् बनाये जाने के नेपथ्य में बाज़ार के धुरंधरों का कमाल है/ इस कमाल में खुद सचिन मस्त हैं तो उनके प्रशंसक भी अंधे/ इन सब का मज़ा लूट रहे हैं व्यापारी / अब आप कहेंगे इसमें गलत क्या ? नहीं गलत कुछ भी नहीं है/ सचिन तेंदुलकर हैं ही इतने बड़े क्रिकेटर कि उनको लेकर देशभर में जबरदस्त  उत्साह है/   ये उत्साह सचिन प्रेमियों का है , बिलकुल निरापद/ किन्तु उन प्रेमियों को ठीक उसी प्रकार ठग लिया जाता है जैसे बड़ी बड़ी कम्पनियां  मध्यम वर्ग को विज्ञापन से ठगती हैं या कन्फ्यूज करती हैं/ भारत इसके लिए हमेशा से ही बड़ा बाज़ार रहा है/ यह इसी का कारण है कि आज सचिन भगवान् के रूप में प्रकट कर दिए गए हैं/ एक तो खुद की महिमा, दूसरे बेहतरीन खेल की महिमा , तीसरे महिमामंडित कर दिया जाना किसी भी व्यक्ति को भगवान् का नाम दिला ही देता है/
कोलकाता में टेस्ट चल रहा है/ कोलकाता से बाहर व्यापार/ सचिन नामक प्रोडक्ट धड़ल्ले से बिक रहा है/ अभी वहाँ का यह आलम है किन्तु मुम्बई का इससे भी दमदार / आख़िरी टेस्ट / होम ग्राउंड पर आख़िरी टेस्ट/ यानी इसका मज़ा ऐतिहासिक / अब चूंकि ऐतिहासिक  है तो ऐतिहासिक मार्केट भी है/ आप सिर्फ टिकटों की कालाबाज़ारी पर मत जाइये/ आप सट्टेबाजी पर भी मत जाइये/ आप यह देखिये कौन कौन सी कम्पनियां सचिन का इस्तमाल कर रही हैं/ सचिन कुछ से अनुबंधित हैं / और जिनसे नहीं है वे भी किसी न किसी बहाने सचिन को ब्रांड के तौर  पर दुकान  पर टाँगे हुए है/  आप यह तो जानते हैं कि सचिन आज अरबों की संपत्ति के मालिक हैं / आप अब यह यकीन भी  रख सकते हैं कि इस अरबों की संपत्ति के मालिक के सहारे कितनी ही कम्पनियां खरबों  की मालिक हुई/ ये जो देश भर में सचिन को लेकर अलग रंग घुला हुआ है वह क्या है? यही है असली खेल/ असली क्रिकेट इसी को कहते हैं/ अब आप इस रिकार्ड से भी सचिन के ग्राफ को आगे बढ़ा सकते हैं कि वे इस देश के सबसे महंगे और अरबपति खिलाड़ी भी हैं / इस देश के लोग वैसे भी अमीरों से प्रभावित रहे हैं/ उस पर अगर कोइ किसी विशेष खेल में महारथी हो तो सोने पे सुहागा / ९ अरब ८६ करोड़ रुपयों से अधिक की निजी संपत्ति वाला यह एक ऐसा अमीर है जिसने क्रिकेट से ज्यादा बाज़ार से धन कमाया है/ बाज़ार ने सचिन को महानतम बना दिया /  आज सचिन अगर छींकते भी हैं तो उन्हें उसका पैसा मिल सकता है / इस दिए गए पैसों से कोइ दवा कंपनी अपनी दवा को अंतर्राष्ट्रीय हैसियत दिला सकती है/ तो कोइ रुमाल बनाने वाली सड़ी सी कंपनी खड़ी होकर भौकाल मचा सकती है/ यह करिश्मा है सचिन के नाम का/ यह करिश्मा है सचिन को इस तरह प्रोजेक्ट किये जाने का / जो हो पर सचिन खुद भी एक करिश्मा है/ क्रिकेट  में उनके योगदान को सच में भुलाया नहीं जा सकता / सचिन खिलाड़ी के रूप में यकीनन बादशाह है / और बाज़ार के रूप में बना दिए गए बादशाह भी/ यह भी सचिन का एक  सच  है/ 

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