Friday 15 November 2013

''सचिन ने कभी क्रिकेट खेला ही नहीं''

सचिन ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया / २४ साल के अपने करियर में सचिन ने कभी क्रिकेट नहीं खेला/ आपको आश्चर्य होगा यह जान कर मगर सच यही है/ अगर सचिन क्रिकेट खेलते तो आज जैसा उनके लिए माहौल है वैसा नहीं बनता/ दर असल क्रिकेट उन्हें खेलता रहा/ क्रीज पर क्रिकेट रहा/ आंकड़ों में क्रिकेट रहा/ किताबों से बाहर क्रिकेट आया/ अपनी परिभाषा को दृश्यमान बनाकर क्रिकेट ने दर्शकों का मन मोहा/ हर जगह क्रिकेट ही रहा जो प्रदर्शन करता रहा/ जो सचिन को खेलता रहा / दुनिया भर के समाचार पत्र-पत्रिकाएं सचिन के नाम से रंग जाएँ मगर सचिन जब भी मैदान पर उतरे , क्रिकेट उनको एन्जॉय करता रहा/ क्रिकेट के अपने इतिहास में सचिन ही एकमात्र खिलाड़ी पैदा हुआ जिसे खेल कर क्रिकेट ने खुद को महान  बना लिया / उसे बाज़ार भी तो सचिन ने बनाया/ उसे बुखार का रूप भी तो सचिन ने दिया/ उसे हर फिल्ड में ऊपर कर दिया/ क्रिकेट सचिन के हाथों दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता रहा/आप देखेंगे तो यही पाएंगे कि क्रिकेट के खेल को , उसकी तकनीक को जिस तरह से इजाद किया गया था , ठीक वैसा ही वो सचिन से चिपक कर लाइव दिखता रहा/ आप क्रिकेट की कोइ भी किताब खोल लें और उसके हर एंगल को बारीकी से जांचे फिर क्रीज पर बल्लेबाजी करते हुए सचिन को देख लें तो दोनों में ज़रा भी फर्क नजर नहीं आयेगा/ जैसा किताब में लिखा , वैसा ही सचिन के माध्यम से क्रिकेट मैदान पर बहा / क्रिकेट में जो संगीत बसा हुआ है , उसे ठीक उसी अंदाज में सचिन ने स्वर दिया / या सचिन क्रिकेट का वाद्य यंत्र बनकर प्रस्तुत हुआ/ दुनिया भर के मैदानों पर सचिन स्वर का गूंजना , और क्रिकेट रिकार्ड बुक में नए नए  रागों के साथ अंकित होना यही दर्शाता है कि सचिन को क्रिकेट खेलता रहा/ जैसे संगीत में तानसेन /

''बहुत से कहते हैं सचिन 
तो बस क्रिकेट के लिए पैदा हुआ / 
मैं ऐसा नहीं मानता , इसके उलट मेरा 
कहना  है क्रिकेट सचिन के लिए इजाद हुआ/'' 

बहुत से कहते हैं सचिन तो बस क्रिकेट के लिए पैदा हुआ / मैं ऐसा नहीं मानता , इसके उलट मेरा कहना है क्रिकेट सचिन के लिए इजाद हुआ/ सचिन से पहले तक ये नित्य खिलाड़ियों के सहारे अपने आपको तराशता रहा और जब सचिन क्रीज पर उतरा क्रिकेट ने उसे अपने आप में समेट  लिया/ २४ साल के इस सफ़र में क्रिकेट सचिन को लेकर फलता फूलता रहा/ अपनी अदा, अपना रोमांच , अपना जादू बिखेरता रहा/ सचिन का हर अंग क्रिकेट से लीपापुता रहा/ और यही वजह है कि सचिन के साथ दुनिया के जितने खिलाड़ियों ने क्रिकेट खेला वे सारे के सारे अमर हो गए/ या उनके जहन  में सचिन के साथ के  संस्मरण हमेशा हमेशा ले लिए अमर हो गए / सिर्फ खिलाड़ी ही क्यों? उन तमाम लोगों के लिए भी जो अपने अपने तरीके से सचिन से मिले हों/ सचिन से हाथ मिलाने का मतलब है आपने क्रिकेट से हाथ मिलाया है/ मुझे तो हमेशा क्रिकेट ही खिलखिलाता दिखा है / अन्यथा कोइ वजह नहीं होती कि कोइ इंसान इमोशन में बहक न जाए/ क्रिकेट सचिन के अंदर रग-रग में समाया है तो वो इंसान ही कब रहा / शायद इसीलिये क्रिकेट का भगवान बना दिया गया सचिन को/
मैं सचिन का समर्थक कभी नहीं रहा/ खेल  का प्रशंसक रहा और क्रिकेट के लिए ही सचिन  को पूछता रहा/ आज भी क्रिकेट ही सचिन का सबकुछ है/ सम्भव है अब क्रिकेट आराम करेगा/ सचिन को सचिन की तरह जीने देगा/ और अब हो सकता है कि सचिन क्रिकेट खेले/ क्योंकि सचिन क्रिकेट को लेकर अपना भविष्य अब बनाएंगे / मैदान से बाहर/ 

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